Not known Facts About bhoot ki kahani

Bhoot ki kahani

हैलो दोस्तो अगर इस कहानी में कुछ गलतियां हो तो माफ़ करना ओर अगर अच्छी लगे तो कॉमेंट्स करना ताकि मोटीवेशन मिले। आशा करता हूं आप सबको पसंद आएगी। तो चलिए कहानी शुरू करता हूं। मेरा नाम अभय शर्मा है। जैसा ...

मैं उसके पास रुका भी नहीं क्योंकि मुझे उस लड़की से डर लग रहा था। वह लड़की कई दिनों तक मुझे देखती रहती थी। एक दिन वह लड़की वहां पर नहीं दिखाई दी।तो मैं सोच में पड़ गया।

हमने बोला कि ठीक है । रात में मेरे सारे मित्र मेरे घर आए आज तो पांचवा आदमी भी खिड़की से अंदर आकर बैठ गया । साथ में ताश खेला और बीड़ी भी पिया जब खेल खत्म हो गया । तो वह खिड़की से बाहर जाने लगा तभी मैंने आवाज दी काका कल फिर से आओगे । उसने कुछ नहीं बोला ।इतना सब होने के बाद उसने हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था। हमारे एक मित्र ने उसके मुंह पर टॉर्च जलाई ।

रमेश घबराकर स्टेशन से भागने लगा। तभी उसका पैर एक लाश से टकरा गया और वह गिर पड़ा। उसने देखा कि सामने प्रसाद की लाश पड़ी थी और ऐसा लग रहा था कि उसे मरे हुए काफी दिन हो चुके थे। रमेश घबराकर उठने लगा और उठकर भागने लगा। लाश की आंखें खुली और वह रमेश के पैरों पर लिपट गई।

एक्सक्लूसिव अपडेट, रिकमेंडेशन और विशेष डिस्काउंट प्राप्त करें।

एक लड़की थी जिसका नाम था मीरा। मीरा को पड़ना बहुत पसंद था और उसके अंदर हर चीज को जानने की इच्छा थी । क्युकी वह बहुत समजदार थी इसलिए उसके १२ कक्षा में बहुत अच्छे मक्स आए जिस वजह से उसका दाकिला ...

एकदिन गांब के कुछ साहसी बच्चे उस भूतिया घर में जाने का और उस घर में घूमने का फैसला किया। बच्चे जब घर के सामने गए तो देखा सिर्फ खिरकी खुली हुई है। और बे सभी उसी खिरकी से अनादर चले गए। बे अँधेरे में घर के अंदर घूम ही रहे थे की अचानक से खिरकी बंद हो गई। यह देखकर सारे बच्चे डर गए।

par mujhe pta nahi kyu vo khoon dekh kar me use pine k liye utavla hota ja rha tha.. shayd me bhi unki trhe ban gya tha… or mene vo khun piya or achanak meri nind tut gyi… fir me utha or mujhe jor ki pyas lag rhi thi… mene pani piya to mujhe ulit aa gyii… me kafi dar gya tha…

तब उनकी पत्नी ने उन्हें एक अघोरी बाबा को दिखाया . और अघोरी की समझ में सारी बातें आ गई। उसने कहा कि इन्होंने चार रास्ते पर पड़े समान को उठा लिया था । यह उसी का नतीजा है । लाल सिंह की पत्नी ने पूछा कैसे तब अघोरी ने बताया .

बस इन सबका एक ही इलाज है कि जब भी तुम्हारा ध्यान अपनी तरफ खींचने की कोशिश करें तो तुम्हें इन पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना है और छलावे से बातें तो बिल्कुल भी नहीं करनी है। रमेश प्रसाद की बात ध्यान से सुनता रहा। फिर थोड़ी देर बाद उठकर प्लैटफॉर्म पर जाने लगा। उसने देखा कि सामने से एक आदमी आ रहा है। वह आदमी और कोई नहीं प्रसाद था। रमेश को समझ नहीं आया कि प्रसाद तो उसके साथ कमरे में था। फिर ये कौन है?

इस पर मुझे उस गांव के आस पास लोगो ने जो बात बताई वो एकदम अपने आप से चौंका देने वाली थी ।

उसने मुझे बताया की मैं यहाँ एक ऑफिस मैं काम करती हूँ और मैं पहाड़ के पीछे एक छोटी सी बस्ती हैं वहां रहती हूँ ।

जीवन और मृत्यु, पृथ्वी पर मानव जीवन का अटल सत्य है । जो जीव जन्म लेता है वह एक ना एक दिन मृत्यु को प्राप्त होता ही है। एक मानवी अपने जन्म से मरण तक के सफर में हंसता है, रोता है, इच्छा करता है, सफलता प्राप्त करता है, असफल भी होता है, निराश होता है, भावुक होता है, क्रोधित होता है, रुष्ट होता है, कामना करता है, और त्याग भी करता है, ऐसा कहा जाता है कि अपने जीवन काल में अधूरी रह जाने वाली कामनाओ की पूर्ति करने के लिए जीव-आत्मा मृत्यु के बाद भी भटकती रहती है।

हिटलर का भूत और उसकी डरावनी कहानी हिटलर का भूत एक ऐसी कहानी है जो सच्ची घटना पर आधारित है। इस कहानी की नायिका एनेलीज […]

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *